Wednesday, September 23, 2020

बालों को झड़ने से कैसे रोका जा सकता है

1. पालक में विटामिन सी, फोलेट, आयरन और बीटा कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जा सकता है। पालक का जूस पीने या सब्जी के तौर पर इसका सेवन करने से न सिर्फ आपके घने और काले रहेंगे बल्कि डैंड्रफ से भी छुटकारा मिलेगा।

2. अखरोट
अखरोट में 
ओमेगा-3 फैटी ऐसिड, विटामिन-ई और बायोटीन नाम का प्रोटीन पाया जाता है। इस प्रोटीन से आपके बाल काले और घने बनेंगे।

3. अंडा
अंडे में प्रोटीन के अलावा 
आयरन, सल्फर, जिंक और सेलेनियम भी पाया जाता है। अंडा आपके बालों को झड़ने से बचाता है।

4. बादाम
बादाम में 
आयरन, कॉपर, फास्फोरस, विटमिन बी-1 और प्रोटीन पाया जाता है। बादाम के तेल में 2-3 चम्मच दूध मिलाकर बालों में लगाने से सिर की त्वचा के साथ-साथ बालों की जड़ों को मजबूत करता है।


5. 
आंवला : यह बालों के लिए यह सबसे खास है। इसका नियमित सेवन करने से बाल काले और घने होते हैं। आप चाहें तो इसे हेयर ऑइल में उबालकर बालों की मसाज में भी प्रयोग कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में फर्क साफ नजर आएगा।

6. हरी सब्जियां व बीन्स : जलकुंभी, जलजीरा, पालक, गोभी, मैथी और भिंडी जैसी सब्जियां और बीन्स आपके बालों के लिए बहुत ही लाभकारी होती हैं। चवला फली, गंवार फली जैसी फलियां भी बालों की खूबसूरती लौटा सकती है।

7. खट्टे फल : खट्टे या सिट्रिक फल आपकी त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। संतरा, अंगूर, नींबू जैसे फलों का नियमित सेवन करें, इससे खास बालों के लिए जामून सबसे उत्तम माना गया है

  • अच्छे बालो के लिये पर्याप्त नींद ले ,चिंता या तनाव से दूर रहे और व्यायाम करे । या डाक्टर से सम्पर्क करे ।
  • जो चीज आपको नुक्सान दे उसका उपयोग ना करे 

Friday, September 18, 2020

करेले के फायदे और नुकसान-Advantages and Disadvantages of Bitter Gourd

करेला की खेती मुख्य रूप से उष्ण कटिबंध में की जाती है, विशेषकर चीन, भारत, पूर्वी अफ्रीकी, मध्य, दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन। जब आप करेले का नाम सुनते हैं, तो आपके स्वाद की कलियाँ इस कड़वी सब्जी के कड़वे पक्ष को समझने लगती हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है। खासकर, यदि आप मधुमेह के रोगी हैं, तो आपको इस सब्जी को अपने नियमित आहार में शामिल करना होगा। इस सब्जी के स्वस्थ होने का कारण यह है कि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन का भार होता है जो आपके शरीर को उन बीमारियों से मुकाबला करने में मदद कर सकता है जिनसे आप ग्रस्त हो सकते हैं।


तो चलिए समझते है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना बेहतर है और कितना नुक्सानदायक

Indian Bitter Melon picture


करेले में कड़वाहट किस कारण उत्पन्न होती है?

फल सहित पौधे के सभी भाग मोमोरडिसिन नामक यौगिक की उपस्थिति के कारण कड़वे होते हैं।

उच्च पोषण

करेला विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें ए और सी जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन होते हैं। इसमें पालक और ब्रोकली के बीटा-कैरोटीन से दोगुना कैल्शियम होता है। करेले में विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक मौजूद होते हैं।

यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है, इस प्रकार हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। वह सब कुछ नहीं हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, श्वसन स्वास्थ्य में सुधार करता है, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाता है और इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं।

करेला विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें ए और सी जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन होते हैं। इसमें पालक और ब्रोकली के बीटा-कैरोटीन से दोगुना कैल्शियम होता है। करेले में विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक मौजूद होते हैं।

पाचन में सहायता करता है

यह आहार फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है। करेले के नियमित सेवन से कब्ज और अपच से राहत मिलती है। यह स्वस्थ आंत बैक्टीरिया का समर्थन करता है, जो पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण का पक्षधर है।

वजन कम करता है

करेला कैलोरी, वसा और कार्बोहाइड्रेट में कम होता है। ये गुण मिलकर वज़न प्रबंधन में मदद करते हैं। यह आपको अधिक समय तक भरा रखता है, इसलिए आप अधिक खाने से बचें। यह जिगर को पित्त अम्लों को स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है जो शरीर में वसा के चयापचय के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, करेले में 80-85% पानी होता है, जो भूख का एक सार्वभौमिक दमन है। यह चयापचय में भी सुधार करता है।

मधुमेह रोगियों के लिए बढ़िया है

Bitter gourd is a superfood for overall health and fitness.

करेले में पॉलीपेप्टाइड होता है, एक इंसुलिन जैसा कंपाउंड और चारेंटिन होता है, जिसमें मधुमेह विरोधी गुण होते हैं। ये घटक सक्रिय रूप से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। यह चयापचय को नियंत्रित करने और शरीर द्वारा उपयोग की गई चीनी के उपयोग से इंसुलिन के स्तर में अप्रत्याशित स्पाइक्स और बूंदों को रोकने में मदद करता है। करेला हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में काम करता है। यह घुलनशील फाइबर का समृद्ध स्रोत है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।

साइड इफेक्ट्स और सुरक्षा

करेले ज्यादातर लोगों के लिए POSSIBLY SAFE है जब मुंह अल्पावधि (3 महीने तक) द्वारा लिया जाता है। करेले कुछ लोगों में पेट खराब कर सकते हैं।

विशेष सावधानियां और चेतावनी:

गर्भावस्था और स्तनपान: करेले  गर्भावस्था के दौरान मुंह से लिया जाता है। कड़वे तरबूज में कुछ रसायनों से मासिक धर्म शुरू हो सकता है और जानवरों में गर्भपात हो सकता है। स्तनपान के दौरान करेले  के उपयोग की सुरक्षा के बारे में पर्याप्त नहीं है। सुरक्षित पक्ष पर रहें और उपयोग से बचें।

मधुमेह: करेले  रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं। यदि आपको मधुमेह है और अपने रक्त शर्करा को कम करने के लिए दवाएं लें, तो कड़वे तरबूज को जोड़ने से आपके रक्त में शर्करा की मात्रा कम हो सकती है। अपने ब्लड शुगर को ध्यान से देखें।

ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी: G6PD की कमी वाले लोग करेले खाने के बाद "फेविज्म" विकसित कर सकते हैं। फेविज्म एक ऐसी स्थिति है जिसका नाम फेवा बीन के नाम पर रखा गया है, जिसे कुछ लोगों में "थका हुआ रक्त" (एनीमिया), सिरदर्द, बुखार, पेट दर्द और कोमा का कारण माना जाता है। कड़वे तरबूज के बीज में पाया जाने वाला एक रसायन फवा बीन्स में रसायनों से संबंधित है। यदि आपके पास G6PD की कमी है, तो करेले से बचें।

करेले का सेवन कैसे करें

करेले का सेवन सब्जी के रूप में, जूस में किया जा सकता है, या इसे सेब और पालक में मिलाकर स्मूदी में बनाया जा सकता है। आप इसे सूप के रूप में पके हुए चिप्स के रूप में भी बना सकते हैं, इससे पराठे बना सकते हैं और इसे चटनी और अचार में बदल सकते हैं।


Wednesday, March 18, 2020

चूना खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ क्या है?-Benefits of Lime

भारत में चूने का उपयोग बहुत ही प्राचीन है। चूने को वैज्ञानिक भाषा में कैल्शियम कार्बोनेट के नाम से जाना जाता है और अंग्रेजी में लाइम पाउडर कहते है। यह अपने कठोर गुण के कारण सदियों से विभिन्न कार्यो में प्रयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में भी इसके गुणों की अनेकानेक चर्चा मिलती है।

1. पीलिया – गेहूँ के दाने के समान चूने की मात्रा को एक गिलास गन्ने के रस में मिलाकर नियमित रूप से पिलाने पर पीलिया ठीक हो जाता है। इसी उपाय से नपुंसकता और गर्भधारण ना कर पाने की समस्या भी दूर होती है। लेकिन इस उपाय को आपको साल से डेढ़ साल तक नियमित करना पड़ेगा।

2. एनिमिया – सुबह खाली पेट अनार के जूस के साथ चुटकीभर चूने को मिलाकर पीने से रोगी जल्द ही रोगमुक्त हो जाता है। अनार का जूस उपलब्ध ना होने की स्थिति में किसी भी जूस या पानी में भी इसे लिया जा सकता है। इस मिश्रण से बुद्धिबल बढ़ता है और शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है।

3. हड्डियों को दे मजबूती – हमारी हड्डियाँ और दाँत कैल्शियम से निर्मित है अगर कैल्शियम की कमी तो इनमें भी कमजोरी। इस कमी की पूर्ति चूने से सरलता से की जा सकती है। यहाँ तक की टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की सबसे अधिक क्षमता चूने में है। आपको याद हो तो आज से 20-25 सालों पहले चूने से ही प्लास्टर किया जाता था। सुबह खाली पेट चूने के सेवन से हड्डियाँ मजबूत होती है, कमर दर्द, पीठ दर्द, कंधे का दर्द, घुटने का दर्द, रीढ़ की हड्डी की सभी समस्या यहाँ तक की सबसे खतरनाक बीमारी स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या भी चूने से दूर हो जाती है।

4. दिमागी कमजोरी – जिन बच्चों में उम्र के हिसाब से बुद्धि का विकास नहीं होता या माइंड बराबर काम नहीं करता या सोचने-समझने की शक्ति धीरे काम करती है या उनका हर काम बहुत स्लो है या ऐसे मंदबुद्धि बच्चे जिनमें स्वयं का विकास ना के बराबर है तो चिंता ना करे। चूना ऐसे बच्चों के लिए रामबाण ही नहीं बल्कि अमृत का काम करेगा। ऐसे बच्चे को किसी भी रूप में गेहूँ दाने के बराबर चूना खिलाए, बहुत जल्द अच्छे हो जाएँगे।

कितनी मात्रा में और कैसे करे चूने का सेवन – गेहूँ के एक दाने के बराबर ही प्रतिदिन चूने का सेवन करे इससे ज्यादा नहीं। खाली पेट इसका सेवन अति उत्तम है। गन्ने के रस में, संतरे के रस में नहीं तो सबसे उत्तम अनार के रस में इसका सेवन किया जा सकता है। किसी भी रस की उपलब्धि ना हो तो दही, लस्सी, दाल, भोजन, दूध,फल या सबसे सरल पानी के साथ इसका सेवन कर सकते है। अगर आपमें खून की बहुत कमी है तो एक कप अनार के जूस में चूना मिलाकर खाली पेट कुछ दिन सेवन करे इससे शरीर में बहुत जल्द खून बनता है। जो भारतीय सिर्फ चूना लगा पान खाते है वे सच में बहुत चतुर है ऐसे लोग महर्षि वाग्भट के अनुयायी है। पान बिना तंबाकू, सुपारी और कत्थे के खाना चाहिए। तंबाकू जहर है तो चूना अमृत और कत्था कैंसर देता है जबकि चूना रोगमुक्ति। अगर पान खाना आपका शौक है तो पान में केसर, लौंग, सौंठ, इलायची, चुटकीभर चुना, गुलकंद, पीपरमेंट, कसा नारियल, सौंफ आदि डालकर खाए।
सावधानी – अगर आप पथरी की समस्या से पीड़ित है तो चूना किसी भी रूप में ना ले। ऐसे रोगियों के लिए यह नुकसानदायक है।

दही खाने का सही तरीका क्या है और इसे खाली पेट खाने से क्या फायदे मिलते हैं?- Best Way to Eat Curd

दही खाना स्वास्थ्यवर्धक होता है।परंतु अगर हम इसे सही तरीके से खाते हैं तो इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं।
सबसे पहले हम जान लेते हैं कि दही खाने का सही तरीका क्या है?
दही की तासीर गर्म होती है और छाछ तासीर में ठंडी होती है। परंतु अगर हम दही को थोड़ा सा फेंट कर खाते हैं तो इसकी तासीर ठंडी हो जाती है।आप इसमें एक दो चम्मच पानी भी मिला सकते हैं।
किस मौसम में खानी चाहिए -
दही हर मौसम में खाई जा सकती है। परंतु बरसात के मौसम में जब बरसात हो रही हो धूप ना निकली हुई हो तब इसे खाना थोड़ा सा हानिकारक होता है।
किन लोगों को दही खानी चाहिए-
दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो सभी लोग खा सकते हैं।यह सभी के लिए गुणकारी होती हैं। परंतु अगर घुटनों में दर्द है तो दही में थोड़ी सी सोंठ ,काला नमक और काली मिर्च मिलाकर खाएं।
अगर आप को खांसी वगैरह हैं तो थोड़ा सा मीठा डालकर दही में खा सकते हैं।अगर आप चीनी के बजाय इसमें शक्कर डालते हैं तो यह और भी ज्यादा गुणकारी हो जाती है।
अगर आपको गैस बनती है तो दही में थोड़ा सा काला नमक, दालचीनी ,काली मिर्च, भुना हुआ जीरा मिला कर खा सकते हैं।
दही को किन-किन चीजों के साथ खाया जा सकता है-
दही सब चीजों के साथ खा सकते हैं। परंतु दाल के साथ दही खाने से इतने लाभ नहीं मिलते।क्योंकि दोनों ही चीजें प्रोटीन से भरपूर हैं। दही का रायता बनाकर भी आप खा सकते हैं।
खाली पेट खाने के फायदे -
दही को कभी-कभी खाली पेट खाना बहुत ही लाभदायक होता है। क्योंकि हमारी आंतों के अंदर जो बैक्टीरिया होते हैं उन बैक्टीरिया को दही के बैक्टीरिया खा जाते हैं और हम इस तरह से काफी पेट से संबंधित बीमारियों से बच सकते हैं।

Saturday, August 17, 2019

तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी क्यों पीना चाहिए ?Why should one drink water kept in a copper vessel?





आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए, यह 16 प्रमुख लाभ -


1 तांबा यानि कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
2 तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं।

3 तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती।ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।
4 इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

5 पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।
6 शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।
7 तांबा अपने एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्‍दी भरने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
8 तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी है।
9 तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।
10 एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।
11 तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।
12 त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आंखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता है।
13 तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मदददगार साबित होता है।
14 दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है।
15 एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।
16 मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है, और दिमाग तेज होता है।

सोचने की क्षमता को कैसे बढ़ाया जा सकता है.- How to Increase Thinking Capacity




  • ऐसी दिनचर्या अपनाएं जिसमें आपको ऐसे काम करने पड़े जिनमें आपके कन्सन्ट्रेशन और आपके सोचने की क्षमता का प्रयोग हो।
  • जैसे कि डेली अखबार पढ़ना या कोई किताब पढ़ने की आदत डाल लें। इससे कुछ समय के लिए ही सही पर आपका दिमाग केंद्रित हो जाता है। इस आदत से आपका कन्सन्ट्रेशन सुधरेगा। आपकी समझ और सोचने की क्षमता प्रभावित होगी।
  • कोई खेल खेलने की आदत डालें। इससे भी आपकी सोचने की क्षमता विकसित होगी। इसमें आपके दिमाग और शरीर दोनों की कसरत होती है।
  • सबसे जरूरी बात सोशल मीडिया या टीवी देखने की आदत सुधारें। दोनों ही कामो में आपका दिमाग इस्तेमाल नहीं होता । इस्तेमाल करें लेकिन उसको कम करें। काल्पनिक दुनिया से बाहर निकलें वास्तविक दुनिया में ज्यादा जीने की कोशिश करें।
  • कोई नई आदत डालें या कोई कुछ नया सीखें। जैसे कि कोई म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सीख लें।
  • कुल मिलाकर संक्षेप में यही करना है आपको की ऐसी दिनचर्या होनी चाहिए जिसमें आपका दिमाग इस्तेमाल हो। ऐसे काम करें जिनको करने के लिए आपके कन्सन्ट्रेशन, आपके सोचने की क्षमता की आवश्यकता पड़ती हो। बस फिर सब कुछ ठीक होने लगेगा।

Wednesday, August 14, 2019

मेथी के फायदे-What Are The Benefits of Fenugreek Seeds?

Good Remedy to Hair, Skin and Stomach Problems
  • Drinking soaked methi seeds (1 tsp) water in the early morning with empty stomach makes the hair thicker, stronger and brighter. It also aids in weight loss, removing pimples, relief from lip cracks and etc.

Relieves Arthritis Pain
  • Methi water helps in relieving the arthritis pain because of its anti-inflammatory properties.

Benefits of Fenugreek/Methi Tea


Methi seeds are also used to make methi tea which is prepared by using its seeds and water. Soak the crushed fenugreek seeds in the recently boiled water for 3 hours. After three hours it is ready to drink as a tea hot or cold. It is also available in the market as tea bags. It has various health benefits including:
Promotes Breast Growth
  • Drinking its tea or eating sprouts enhances the breast tissues growth and promotes water retention thus makes the breast fuller and larger.

Enhances Libido
  • Methi tea provides relief from the menopausal symptoms and enhances the libido in both men and women.

Beneficial for Many Diseases
  • It is very effective for the person suffering from type-2 diabetes, beriberi, heart diseases and etc.

Maintains Blood Sugar and Cholesterol Level
  • Methi seed maintains the blood sugar level and reduces the blood cholesterol level.

Eases Labor Pain
  • It eases labor pain in pregnant women and suppresses the appetite.

Reduces Risk of Kidney Stones
  • Methi tea cleans up the kidneys and intestines thus reduces the risk of kidney stones formation.